जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा बढ़ा, दरारों वाले भवनों की संख्या बढ़कर 863 हुई, बर्फबारी से बढ़ी मुश्किलें

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना के कारण असुरक्षित इमारतों को गिराने का काम मौसम में सुधार के साथ शुरू हो गया. अधिकारियों ने बताया कि दरार वाली इमारतों की संख्या बढ़कर 863 हो गयी है. water flow को घटाकर किया गया 136 एलपीएमजोशीमठ के एक अधिकारियों ने बताया, जेपी कॉलोनी के निकट जल प्रवाह को घटाकर 136 एलपीएम कर दिया गया है. आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया, जेपी कॉलोनी पानी का प्रवाह शुरू में 540 एलपीएम था. इसमें पर्याप्त कमी एक सकारात्मक संकेत है. दो जनवरी से कॉलोनी के पास एक जगह से पानी बह रहा है.242 प्रभावित परिवारों को दी गयी 3.62 करोड़ रुपये की राशिजोशीमठ में प्रभावित लोगों को राहत देने का काम जारी है. एक अधिकारी ने बताया, अब तक अंतरिम राहत के रूप में 242 प्रभावित परिवारों को 3.62 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है.जोशीमठ संकट पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार,जानें कोर्ट ने क्या कहाJoshimath, Uttarakhand | So far 863 buildings have been identified by the district administration where cracks have been found due to land subsidence. Out of this, 181 buildings have been placed in the unsafe zone: DM pic.twitter.com/28FuzeTsb8— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 22, 2023 बर्फबारी से लोगों की बढ़ी मुश्किलेंउत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को हुई बर्फबारी और बारिश के कारण ठंड बढ़ गयी है, जिससे अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे जोशीमठ के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा था, जोशीमठ में असुरक्षित होटलों और घरों को खराब मौसम के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. सिन्हा के अनुसार, जोशीमठ में भूमि धंसने के बाद 863 घरों में दरारें आ गई हैं और 269 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है.होटलों को तोड़ने का काम जारीमौसम साफ होने के साथ ही होटलों- मलारी इन और माउंट व्यू- तथा पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण बंगले को ध्वस्त करने में ड्रिलिंग मशीन और बुलडोजर लगा दिये गये.ठंड से बचाव के लिए प्रभावितों को दी जा रही मददप्रभावित लोगों को ठंड से बचाने के लिए अस्थाई राहत केंद्रों पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. 76 परिवारों को हीटर और ब्लोअर, 110 लोगों को गर्म पोशाकें, 175 को गर्म पानी की बोतलें, 516 को ऊनी टोपी, 280 को गर्म मोजे और 196 लोगों को शॉल की आपूर्ति की गई है. 771 लोगों को खाद्यान्न, 601 को कंबल और 114 को दैनिक इस्तेमाल की चीजों की आपूर्ति की गई है.

जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा बढ़ा, दरारों वाले भवनों की संख्या बढ़कर 863 हुई, बर्फबारी से बढ़ी मुश्किलें
जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा बढ़ा, दरारों वाले भवनों की संख्या बढ़कर 863 हुई, बर्फबारी से बढ़ी मुश्किलें

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना के कारण असुरक्षित इमारतों को गिराने का काम मौसम में सुधार के साथ शुरू हो गया. अधिकारियों ने बताया कि दरार वाली इमारतों की संख्या बढ़कर 863 हो गयी है.

water flow को घटाकर किया गया 136 एलपीएम

जोशीमठ के एक अधिकारियों ने बताया, जेपी कॉलोनी के निकट जल प्रवाह को घटाकर 136 एलपीएम कर दिया गया है. आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया, जेपी कॉलोनी पानी का प्रवाह शुरू में 540 एलपीएम था. इसमें पर्याप्त कमी एक सकारात्मक संकेत है. दो जनवरी से कॉलोनी के पास एक जगह से पानी बह रहा है.

242 प्रभावित परिवारों को दी गयी 3.62 करोड़ रुपये की राशि

जोशीमठ में प्रभावित लोगों को राहत देने का काम जारी है. एक अधिकारी ने बताया, अब तक अंतरिम राहत के रूप में 242 प्रभावित परिवारों को 3.62 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है.

बर्फबारी से लोगों की बढ़ी मुश्किलें

उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को हुई बर्फबारी और बारिश के कारण ठंड बढ़ गयी है, जिससे अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे जोशीमठ के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा था, जोशीमठ में असुरक्षित होटलों और घरों को खराब मौसम के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. सिन्हा के अनुसार, जोशीमठ में भूमि धंसने के बाद 863 घरों में दरारें आ गई हैं और 269 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है.

होटलों को तोड़ने का काम जारी

मौसम साफ होने के साथ ही होटलों- मलारी इन और माउंट व्यू- तथा पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण बंगले को ध्वस्त करने में ड्रिलिंग मशीन और बुलडोजर लगा दिये गये.

ठंड से बचाव के लिए प्रभावितों को दी जा रही मदद

प्रभावित लोगों को ठंड से बचाने के लिए अस्थाई राहत केंद्रों पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. 76 परिवारों को हीटर और ब्लोअर, 110 लोगों को गर्म पोशाकें, 175 को गर्म पानी की बोतलें, 516 को ऊनी टोपी, 280 को गर्म मोजे और 196 लोगों को शॉल की आपूर्ति की गई है. 771 लोगों को खाद्यान्न, 601 को कंबल और 114 को दैनिक इस्तेमाल की चीजों की आपूर्ति की गई है.