गुजरात में समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी पर भड़का विपक्ष! जानिए कांग्रेस ने केजरीवाल, ओवैसी से क्या कहा
गुजरात में समान नागरिक संहिता के सवाल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया है. बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. वहीं ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी से एक सवाल भी किया है.
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति में जुटे हैं. मतदाताओं को रिझाने के लिए नए-नए वादे किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुजरात सरकार ने चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है. गुजरात में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए कमेटी के गठन को कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है. गुजरात में समान नागरिक संहिता को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत तमाम विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधा. आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाया है. गुजरात के भावनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या उनकी नीयत खराब है. संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि समान नागरिक संहिता को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है, तो सरकार को समान नागरिक संहिता बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे इस तरह से बनाया जाना चाहिए कि सभी समुदायों की सहमति हो। सभी समुदायों को एक साथ लेकर एक समान नागरिक संहिता बनाई जानी चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि, अगर उनकी मंशा समान नागरिक संहिता को लागू करने की है तो देश में क्यों नहीं बनाते?
Constitution में लिखा है Uniform Civil Code बनाना Govt की जिम्मेदारी
सभी समुदायों को साथ लेकर UCC बनना चाहिए
BJP की नियत खराब है। UK और अब Gujarat चुनाव के पहले समिति बनाई, चुनाव के बाद समिति घर गई
UP,MP, पूरे देश के लिए क्यों नहीं बनाते?
-CM @ArvindKejriwal #EkMokoKejriwalNe pic.twitter.com/09lsEyoQOa — AAP (@AamAadmiParty) October 30, 2022
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि बीजेपी अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने और वोट हासिल करने के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव में समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठा रही है. ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि राज्यों को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का अधिकार नहीं है. यह अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, यूपी और अन्य राज्यों में रोजगार और विकास के बजाय, समान नागरिक संहिता को भाजपा द्वारा विवादास्पद और विभाजनकारी मुद्दों की तरह चुनावी मुद्दा बनाना, गुजरात में चुनावी मुद्दा बनाना इस चर्चा को ताकत देता है। कि वहां भाजपा की स्थिति वास्तव में अच्छी नहीं है।
2. जबकि केन्द्र ने अभी हाल में स्वंय माननीय सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड के मामले पर कोई निर्णय अभी न किया जाए क्योंकि इसे वह 22वें लॉ कमीशन को सौंपेगी, तो फिर गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा क्या होने जा रहा है जिससे बीजेपी विचलित है व झुक रही है। — Mayawati (@Mayawati) October 30, 2022
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, जबकि केंद्र ने हाल ही में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में कहा है कि समान नागरिक संहिता के मामले पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि यह 22वें विधि आयोग को सौंप देगा, फिर क्या होगा गुजरात विधानसभा चुनाव में? ऐसा होने जा रहा है जिससे बीजेपी विचलित होकर झुक रही है.
3. साथ ही, चुनाव को प्रभावित करने के लिए जनता की नजर से अज्ञात श्रोतों से प्राप्त अकूत धन का इस्तेमाल कितना उचित? ताजा आँकड़े बताते हैं कि गुजरात व हिमाचल विधानसभा आमचुनाव से पहले चुनावी बाण्ड की गुप्त फण्डिंग की मार्फत 545 करोड़ रुपये के चन्दे दिए गए हैं। यह धन कहाँ जा रहा है? — Mayawati (@Mayawati) October 30, 2022
आपको बता दें कि शनिवार को गुजरात सरकार की कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए कमेटी बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है. कैबिनेट ने कमेटी बनाने की जिम्मेदारी सीएम भूपेंद्र पटेल को दी है। यह समिति समान नागरिक संहिता की संभावनाओं का पता लगाएगी। इसके लिए विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन किया जाएगा। समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे।