गुजरात में अब कोई दादा नहीं रहा, गांव में सिर्फ हनुमान दादा है - अमित शाह

अब कोई दादो नहीं दिखता अब तो गांव में सिर्फ हनुमान दादा हैं। भाजपा कानून व्यवस्था और शांति लाई है। जहां शांति नहीं है वहां विकास नहीं है। अमित शाह

गुजरात में अब कोई दादा नहीं रहा, गांव में सिर्फ हनुमान दादा है - अमित शाह
गुजरात में अब कोई दादा नहीं रहा, गांव में सिर्फ हनुमान दादा है - अमित शाह

गुजरात में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि पहले गैंगस्टरों का अत्याचार होता था, अब वे कहीं नजर नहीं आते। अब कोई दादो नहीं दिखता अब तो गांव में सिर्फ हनुमान दादा हैं। भाजपा कानून व्यवस्था और शांति लाई है। जहां शांति नहीं है वहां विकास नहीं है। अमित शाह ने ऐसा कहा।

अमित शाहने गुजरात के राजकोट जिल्ले के जशदण में सभा को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह जसदण सभा का आसन नहीं है, यह कुंवरजी भाई के कार्य का आसन है। मैंने जसदण के सभी नागरिकों को विधानसभा में काम करते देखा है। वे छोटे-छोटे पर्चों में इस क्षेत्र के कार्यों के बारे में लिखते थे। वह कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे और बीजेपी ने उनका जोरदार स्वागत किया था। यह जलाराम बापू की धरती है। बिना एक भी शब्द बोले मानव सेवा की, मैं जलाराम बापा को प्रणाम कर अपनी बात शुरू कर रहा हूं।

2022 के चुनाव में आप वो वोट दें जिसमें आपको यह न लगे कि आपका वोट कुंवरजी भाई को विधायक बनाने के लिए नहीं बल्कि आने वाले दिनों में गुजरात के भविष्य को बनाने के लिए है। कांग्रेस ने कई साल राज किया। घर में बारी-बारी से राजकोट जिले में नहाना पड़ता था। भाजपा सरकार ने पानी की किल्लत खत्म कर दी है। सौराष्ट्र में डेढ़ लाख से ज्यादा चेक डेमो बनाए जा चुके हैं। उलटी तश्तरी जैसी स्थिति में जमीन के पानी के स्तरे उपर आए।

मेरे जन्म के 1 वर्ष पूर्व जब सरदार सरोवर का भूमिपूजन हुआ था तो पानी पहुँचने में कितना समय लगा था? इतने सालों तक कांग्रेस ने जमीन को प्यासा रखा, 35 साल की उम्र में बाल सफेद हो गए और क्लोराइड का पानी पीने से समय से पहले बुढ़ापा आ गया। ऐसा पानी रोकने के लिए किया गया है। नरेंद्र मोदी मनमोहन सरकार के खिलाफ आमरण अनशन पर चले गए, जब उन्होंने नर्मदा बांध की ऊंचाई बढ़ाने से इनकार कर दिया और उन्होंने घुटने टेक दीए।

आप नें 2014 में मेघा पाटकर को झाडु के निशान पर टिकट दिया गया था, जिसने गुजरात में नर्मदा के पानी को रोक दिया था। फिलहाल झाडु वाले जानते है कि मेघा पाटकर को अब गुजरात नहीं ले जाना चाहिए।

2005 में नरेंद्र मोदी ने बांध की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला किया और प्रधानमंत्री बनते ही सौराष्ट्र-कच्छ की जमीन पर नर्मदा डेम में गेट लगाकर 15 दिन के अंदर पानी पहुंचाया गया। तीन चरण में सब की योजना लाई गई और सौराष्ट्र के घरों में पानी पहुंचाया। मैं सौराष्ट्र में 10 जिलों में गया, अब खेती में दाम अच्छा मिल रहा है। बीजेपी ने पूरे सौराष्ट्र की प्यास बुझाने का काम किया है।