इफको द्वारा उदयपुर मे जिला सहकार सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया

किसानों की संस्था “इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड” द्वारा उदयपुर मे जिला सहकार सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इफको द्वारा उदयपुर मे जिला सहकार सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया
इफको द्वारा उदयपुर मे जिला सहकार सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया

उदयपुर. किसानों की संस्था “इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड” द्वारा उदयपुर मे जिला सहकार सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सुधीर मान, राज्य विपणन प्रबंधक इफको राजस्थान, एवं बी.एल. पाटीदार, अतिरिक्त निदेशक कृषि, माधव सिंह चंपावत, संयुक्त निदेशक कृषि, सुधीर वर्मा, परियोजना निदेशक आत्मा, उदयपुर, श्याम सिंह , सहायक निदेशक, प्रवीण लाम्बा, क्षेत्रीय अधिकारी इफको उदयपुर सहित 40 सहकारी समितियो के व्यवस्थापको ने कार्यक्रम में भाग लिया।   

सुधीर मान , राज्य विपणन प्रबंधक इफको राजस्थान, ने यूरिया एवं डीएपी की आपूर्ति के बारे मे जानकारी दी। नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के उपयोग बढ़ाने का आग्रह किया तथा उपस्थित व्यवस्थापको को किसानों से सही समन्वय बनाकर कार्य करने तथा नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के उपयोग एवं कार्यविधि को साझा करके ही नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी की बिक्री करने की सलाह दी जिससे किसानों के आर्थिक एवं समय की बचत के साथ-साथ उनकी पैदावार बढ़े एवं नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की अधिक से अधिक बिक्री से समिति का भी लाभांश बढ़ाया जा सकता है। सुधीर मान ने बताया की किसानों को कृषि जगत की नई तकनीकों की जानकारी एवं उपलब्धता सहकारिता के माध्यम से बहुत ही कम समय में एवं समय की आवश्यकता अनुसार मिलती हैऔर बताया कि किस प्रकार से यूरिया व डीएपी की सप्लाई में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 

माधव सिंह चंपावत , संयुक्त निदेशक कृषि ने नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के लाभ को बताते हुए उर्वरको का एडवांस स्टॉक करने की बात कही जिससे सीजन में समस्याओं का सामना ना करना पड़े। यूरिया, डीएपी व एनपीके को निरंतर रूप से पोस मशीन के माध्यम से बिक्री की जानी चाहिए।  

सुधीर वर्मा, परियोजना निदेशक आत्मा, उदयपुर ने बताया कि नैनो यूरिया एवं सागरिका का सकारात्मक एवं उत्कृष्ट परिणाम है इसे आप सभी प्रयोग करें उपयोग में लें तथा किसानों को समझा कर बिक्री करें। जिससे किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य एवं वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। 

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बी.एल. पाटीदार , अतिरिक्त निदेशक कृषि, ने सहकारी समितियो के व्यवस्थापको को बताया कि किसानों को उचित गुणवत्ता की सही खाद उपलब्ध करवानी चाहिए। नवाचारों को किसानों तक पहुंचाए जाने चाहिए व नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करना चाहिए और किसानो को उत्पाद के साथ उसको प्रयोग करने की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवानी चाहिए। 

प्रवीण लाम्बा, क्षेत्रीय अधिकारी इफको उदयपुर  द्वारा नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी के उपयोग एवं कार्य विधि के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी साझा की व बयाया कि बुवाई के समय दी जाने वाली डीएपी की मात्रा आधी कर 5ml प्रति किलोग्राम नैनो डीएपी से बीज उपचार कर बुवाई करें 25 से 35 दिन के पश्चात 2-4 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें जिससे फसल का उत्पादन व उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ेगी। नैनो यूरिया के बारे में जानकारी दी व बताया कि फसल को पहले पानी में यूरिया आधी मात्रा दे ताकि फसल के अच्छी पत्तियां आ जाए। उसके बाद में बुवाई के 35-40 दिन बाद यूरिया दानेदार की जगह इफको नैनो यूरिया तरल 2-4 मिली लीटर प्रति लीटर पानी मे घोलकर फसल पर स्प्रे करें जिससे खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य तथा पर्यावरण को बचाते हुए कम लागत में अधिक उत्पादन लिया जा सके।