आंतकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफ़िज सईद के संबंधी अब्दुल रहमान मक्की को आंतकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय का भारत ने किया स्वागत

भारत ने आंतकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफ़िज सईद के संबंधी अब्दुल रहमान मक्की को आंतकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय का स्वागत किया है। मक्की लश्कर-ए-तैयबा में कई प्रमुख पदों पर रह चुका है और अपने आतंकवादी संगठन के लिए धन भी जुटाता रहा है।

आंतकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफ़िज सईद के संबंधी अब्दुल रहमान मक्की को आंतकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय का भारत ने किया स्वागत
अब्दुल रहमान मक्की को आंतकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय का भारत ने किया स्वागत

भारत ने आंतकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफ़िज सईद के संबंधी अब्दुल रहमान मक्की को आंतकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय का स्वागत किया है। मक्की लश्कर-ए-तैयबा में कई प्रमुख पदों पर रह चुका है और अपने आतंकवादी संगठन के लिए धन भी जुटाता रहा है।

सुरक्षा परिषद के इस निर्णय के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत आंतकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध विश्वसनीय और स्पष्ट कार्रवाई के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाए रखेगा। उन्होंने ये भी कहा कि इस क्षेत्र में आंतकी संगठनों का खतरा लगातार बना हुआ है और ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्रवाई इस क्षेत्र को आंतक मुक्त करने में प्रभावी औजार है।

लाल किए पर हुए हमले में भी शामिल था मक्की

संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति ने कहा है कि मक्की लश्कर और जेयूडी के प्रमुख पदें पर रहा है और भारत में लाल किले पर हुए हमले में भी उसकी भूमिका रही है। बता दें, 22 दिसंबर, 2000 को लाल किले पर लश्कर के छह आतंकवादियों ने हमला बोल दिया और सुरक्षा बलों पर अंधाधुंश गोलीबारी की थी। इस हमले में दो जवानों समेत तीन की मौत हो गई थी। इसके अलावा मक्की रामपुर में सीआरपीएफ कैंप में हुए आतंकी हमले में भी शामिल था,। इस हमले में सीआरपीएफ के चार जवान शहीद हुए थे और एक रिक्शा चालक की मौत हो गई थी। इसके अलावा मुंबई आतंकी हमले में भी मक्की अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल था। 

भारत और अमेरिका पहले ही घोषित कर चुके हैं आतंकी

भारत और अमेरिका पहले ही मक्की को अपने घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर चुके हैं। वह धन जुटाने, भर्ती करने और भारत में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने के लिए युवाओं को भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने में शामिल रहा है। मक्की लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई है। वह अमेरिका द्वारा नामित विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) लश्कर के भीतर विभिन्न नेतृत्व भूमिकाएं निभा रहा है। उसने लश्कर के अभियानों के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है।

संपत्ति जब्त होगी, यात्रा पर लगेगा प्रतिबंध

संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा कि 16 जनवरी 2023 को सुरक्षा परिषद समिति ने आईएसआईएल (दाएश), अल-कायदा, और संबंधित व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों और संस्थाओं से संबंधित संकल्प 1267 (1999), 1989 (2011) और 2253 (2015) के अनुसार इसे मंजूरी दे दी। सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2610 (2021) के पैरा 1 में निर्धारित और अपनाई गई नीति के तहत इनकी संपत्ति जब्त होगी, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगेगा।  

2020 में पाकिस्तानी अदालत ने सुनाई थी सजा 

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, 2020 में एक पाकिस्तानी आतंकवाद-रोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में मक्की को दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई। अतीत में चीन ने विशेष रूप से पाकिस्तान के आतंकवादियों की सूची में बाधाएँ डाली हैं। इसने पाकिस्तान स्थित और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को नामित करने के प्रस्तावों को बार-बार अवरुद्ध किया था।  

चीन भारत पर दबाव नहीं बना सकता 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, मक्की पर प्रतिबंध की खबर विश्व स्तर पर बढ़ती इस समझ को दर्शाती है कि चीन भारत के प्रयासों को विफल नहीं कर सकता। भारत के लोगों पर हमला करने वालों को न्याय दिलाने में चीन बाधा नहीं बन सकता। पूर्व स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, पहले हमें मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में एक दशक से अधिक समय लगा और अब अब्दुल रहमान मक्की को नामित करने में हमें सात महीने लग गए। आप देख सकते हैं कि भारत अब किस तरह का दबाव बढ़ा रहा है और यह एक सफलता है। उन्होंने कहा, पाइपलाइन में कई अन्य हैं जिन्हें आतंकवादी के रूप में नामित किया जाना है। इसमें साजिद मीर, अब्दुल रऊफ अजहर, शाहिद महमूद और तल्हा सईद। यह पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ हमारे लोगों के लिए न्याय की जीत है।