‘हमने काफी देर कर दी, लेकिन अब ऐसा बहुत देखने को मिलेगा’- अश्विन रिटायर्ड आउट होने पर
अश्विन हाल ही में आईपीएल इतिहास में संन्यास लेने वाले पहले खिलाड़ी बने हैं।
अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इतिहास में रिटायर आउट होने वाले पहले खिलाड़ी बने। ऑफ स्पिनर ने अब माना है कि टी-20 क्रिकेट में इसे एक रणनीति के तौर पर उपयोग में लाना चाहिए। इसको नॉन स्ट्राइकर रन आउट की तरह कलंक के रूप में नहीं देखना चाहिए बल्कि इसे एक रणनीति के रूप में देखा जाना चाहिए।
बता दें कि, अश्विन ने 10 अप्रैल (रविवार) को लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के खिलाफ ग्रुप स्टेज मैच में अपनी फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के लिए बल्लेबाजी करते हुए पवेलियन वापस जाने का फैसला किया। आरआर की पारी के दसवें ओवर में दाएं हाथ के बल्लेबाज अश्विन को रियान पराग से पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। अश्विन ने अपने टीम मैनेजमेंट के इस फैसले को सही साबित किया, और रिटायर आउट होने से पहले उन्होंने 23 गेंदों में 28 रन बनाए।
रिटायर आउट होने पर अश्विन ने दी बड़ी प्रतिक्रिया
अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में अश्विन ने कहा कि, “ये कभी-कभी काम करता है कभी नहीं, ये चीजें फुटबाल में लगातार की जाती है अभी तक हमने टी20 क्रिकेट को पूरी तरीके से क्रेक नहीं किया है। यह कभी-कभी काम कर सकता है और कभी-कभी नहीं। फुटबॉल में ये चीजें लगातार होती रहती हैं और हमने अभी तक टी-20 क्रिकेट में इसे पूरी तरह से नहीं अपनाया है। यह एक सहस्त्राब्दी का खेल है।
यह अगली पीढ़ी का खेल है। असल में अगर आप फुटबॉल में देखें तो मेस्सी या क्रिस्टियानो रोनाल्डो अक्सर गोल करते हैं, लेकिन उनकी टीम के गोलकीपर को भी गोल बचाना चाहिए और उनके डिफेंडर्स को अच्छा डिफेंड करना चाहिए। तभी कोई मेसी या रोनाल्डो सुर्खियों में होंगे।”
अश्विन ने यह भी कहा कि, “एक खेल के तौर पर टी-20 उस ओर बढ़ रहा है, जहां फुटबॉल पहुंच गया है। जैसे कि वे प्रतिस्थापन खिलाड़ी का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं, मैंने रिटायर्ड आउट होकर कुछ ऐसा ही किया। हमें पहले ही इस नियम का लाभ उठाने में देर हो चुकी है, लेकिन मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में इसका काफी इस्तेमाल होगा। मुझे नहीं लगता कि यह नॉन-स्ट्राइकर छोर पर किसी को आउट करने जैसी बात होगी।”